किसी भी प्रदेश की समृद्धि एवं स्वस्थता का प्रतीक, उसके स्वास्थ्य एवं पोषण सूचकांक
होते हैं। स्वस्थ्य मध्यप्रदेश के निर्माण में बच्चों में गंभीर कुपोषण सदा से एक गंभीर
चूनौती व मुख्य जन स्वास्थ्य समस्या रही है। वर्ष 2005-06 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण,
एन.एफ.एच.एस -3 अनुसार प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में व्याप्त गंभीर कुपोषण
दर 12.6 प्रतिशत थी जो कि समूचे देश में सर्वाधिक थी। इस दौरान देश की गंभीर कुपोषण
दर 6.4 प्रतिशत थी अर्थात मध्यप्रदेश में बच्चों में व्याप्त गंभीर कुपोषण, देश की
तुलना में लगभग दोगुनी थी। प्रदेश शासन ने मध्यप्रदेश के भविष्य निर्माण के लिये बाल्यावस्था
में प्रभावी शारीरिक एवं मानसिक विकास को सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा। मध्यप्रदेश
द्वारा प्रदेश के सर्वागीण विकास के लिये बाल कुपोषण उन्मूलन हेतु सूनियोजित रणनिती
द्वारा भरपूर प्रयास किये गये। फलःस्वरूप, हाल ही में प्रकाशित भारत सरकार द्वारा समूचे
देष में कराई गई सर्वेक्षण और बच्चों की रैपिड सर्वे के (RSOC- 20sh13-14) अनुसार मध्यप्रदेश
के पोषण सूचकांकों में सर्वोच्च एवं भारी गिरावट दर्ज की गई है |
|