पृष्ठभूमि
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राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन शहरी गरीबों मुख्यतः मलिन बस्तियों में जीवन यापन कर
रहे शहरी गरीबों की आवश्यकताओ को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बढ़ते हुए शहरीकरण को
देखते हुए शहरी गरीब बस्तियों में रहने वाले लोगो एवं अन्य शहरी गरीबों तक स्वास्थ्य
सेवाओं की पहुंच बढ़ाने हेतु विभिन्न गतिविधिया संचालित की जा रही है| आवश्यकताओ के
आधार पर शहरी स्वास्थ्य कार्ययोजना तैयार की गयी है। 2015-16 में मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय
शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वर्तमान में प्रदेष में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन
का क्रियान्वयन 47 जिला मुख्यालयों एवं 19 ऐसे शहरी मुख्यालय जिसमें कम से कम 30000
आबादी शहरी मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब होना चाहिए, को मिलाकर कुल 66 शहरों में
किया जा रहा हैं। कार्ययोजना में मुख्यतः योजना एवं मानचित्रण, कार्यक्रम प्रबंधन,
प्रशिक्षण एवं क्षमतावृद्वि, संस्थागत सु़दृढ़ीकरण, सामुदायिक भागीदारी, आई.ई.सी.,
नवाचार, निगरानी एवं मूल्यांकन को शामिल किया गया है।
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शहरी कार्यक्रम प्रबंधन इकाईः-
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राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कार्यक्रम प्रबंधन हेतु राज्य स्तर पर शहरी
स्वास्थ्य प्रकोष्ठ इकाई का गठन किया गया है। जिला स्तर पर प्रत्येक जिला मुख्यालयों
हेतु जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के अन्तर्गत स्वीकृति अनुसार मानव संसाधन की नियुक्ति
प्रक्रिया राज्य स्तर से प्रारंभ कर दी गई है।
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शहरी आशाः-
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प्रदेश मे शहरी आशाओं का चयन एवं प्रषिक्षण किया जा रहा है। शहरी आशा का चयन मलिन बस्तियों
में कार्य करने के लिये किया जा रहा है। प्रत्येक मलिन बस्ती की प्रति 1000 जनसंख्या
पर एक शहरी आशा का चयन किया जा रहा है। षहरी आशा मलिन बस्ती की निवासी होगी । अपने
कार्य क्षेत्र में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण, टीकाकरण, प्रसव-पूर्व एवं पष्चात जाँच,
गृह आधारित नवजात शिशु भेंट, टीकाकरण तथा अन्य आवष्यक स्वास्थ्य गतिविधियों को संपादित
करेगी। शहरी आशा को ग्रामीण आशा की तरह ही कार्य आधारित मानदेय प्रदान किया जाऐगा।
प्रदेश में विभिन्न जिला मुख्यालय हेतु 4200 शहरी आशाओं का चयन किया जाना है। वर्तमान
में 3800 का चयन किया जा चुका है जिसमें 3347 आशाओ का प्रशिक्षण पूर्ण किया जा चुका
हैं। प्रशिक्षित आशाओं का कार्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, समस्त राष्ट्रीय
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की पहुँच शहरी गरीब बस्तियों में रहने वालों तक बढ़ाना है।
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महिला आरोग्य समितिः- उद्देश्यः-
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सामुदायिक एकत्रीकरण एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एकल एवं सामूहिक योजनाओं का क्रियान्वयन
एवं मूल्यांकन सहभागी प्रयास द्वारा स्वास्थ्य संबंधी एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति
हेतु किया जा सकता है। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के ढाॅंचे में महिला आरोग्य समिति
के गठन को शामिल किया गया है। अतः राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन की कार्यसूची के दृष्टिगत
महिला आरोग्य समिति का गठन किया जा रहा है। प्रदेश में विभिन्न शहरो में कुल वर्ष 2015-16
की स्वीकृति अनुसार 2000 महिला आरोग्य समितिया गठित की गयी है।
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शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रः-
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प्रति 50,000 की आबादी पर एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की गई है।
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे स्थानों अथवा मलिन बस्ती के पास किराये के भवन
में स्थापित किये जा रहें है, जहाँ पूर्व से कोई स्वास्थ्य केन्द्र नहीं है। वर्ष 2015-16
में 136 शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं का उन्नयन एवं पुर्नस्थापन कर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र स्थापित किये जा रहे है ।
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मानव संसाधन -
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प्रति शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर फुल टाइम डॉक्टर,पार्ट टाइम डॉक्टर,फार्मासिस्ट,लैब
टेक्नीषियन,स्टाफ नर्स,एम.आई.एस. एवं ए.एन.एम. आउटरिच सेवाओं के लिये स्वीकृति किये
गये है। चयन वाकइन इंटरव्यू के माध्यम से जिला स्तर से किया जा रहा है।
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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रः-
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राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 500000 से अधिक शहरी आबादी वाले शहरो में
प्रति 250000 शहरी आबादी पर एक शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की जानी
है। वर्तमान में प्रदेश में 5 नवीन यू.सी.एच.सी. (इन्दौर, भोपाल ,जबलपुर, ग्वालियर
एवं उज्जैन ) का निर्माण किया जाएगा। इसके अंतर्गत भूमि का चयन का कार्य जिला स्तर
से किया जा रहा है।
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विभिन्न सूचना शिक्षा एवं संचार गतिविधियां जैसे-
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विश्व क्षय दिवस, महिला दिवस, विश्व जल दिवस, स्वस्थ शिशु एवं स्वस्थ माता प्रतियोगिताओं
का आयोजन किया जा रहा है।
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अनुश्रवण एवं मूल्यांकन-
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कार्यक्रम का नियमित अनुश्रवण एवं मूल्यांकन राज्य एवं जिला स्तर पर किया जाऐगा।
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