परिवार कल्याण कार्यक्रम की पृष्ठभूमि

परिवार कल्याण कार्यक्रम पूर्ण रुप से स्वैच्छिक स्वरूप का कार्यक्रम है। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के उद्देश्य से भारत वह पहला देश था जिसनें इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में वर्ष 1952 में ही अपना लिया था। इसके अंतर्गत परिवार कल्याण ऑपरेशन पुरूष/महिला और जन्म में अंतर सुनिश्चित करने के लिए अंतराल विधियों की सेवायें निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। मध्य प्रदेश मे परिवार कल्याण कार्यक्रम का लक्ष्य सकल प्रजनन दर को 2-9 (SRS 2013) से 2017 तक 2.1 पर लाना है। आज भी लगभग 99 प्रतिषत महिलाओं के ऑपरेशन होते है। पुरुषों की इस कार्यक्रम में सहभागिता बढाना यह सबसे बडी चुनौती है। । AHS 2011-12 के अनुसार अस्थाई साधनों की अनमेट नीड 21.6 है। इस वजह से स्थाई/अस्थाई साधनों की उपलब्धता एवं उपयोग को बढाने हेतु राज्य शासन संकल्पित है, जो कि इस प्रकार हैं :-

* परिवार कल्याण नसबंदी ऑपरेशन पुरूष एवं महिला यह सेवा जिला अस्पताल/सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो में निर्धारित दिवसो में निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
* आई.यू.सी.डी./पी.पी.आई.यू.सी.डी. इसके लिये प्रशिक्षित सेवा प्रदाता प्रत्येक जिले के जिला अस्पताल/सिविल अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व चिन्हित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्र पर यह सेवा प्रशिक्षित प्रदाताओं द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, साथ ही परिवार कल्याण परामर्शदाताओ द्वारा परामर्श की सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है।
* गर्भ निरोधक गोलियां (महिलाओं के लिये)
*निरोध (पुरूषों के लिये) आशा - घर पहुच गर्भ निरोधक साधन योजना द्वारा गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ताओ के पास की गयी है। इस योजना द्वारा जन्म में अंतर सुनिश्चित किया जा रहा है जिस वजह से माता मृत्यू दर एवं शिशु मृत्यू दर कम होने में मदद हो रही है। इसके लिये ’’आशा - जन्म में अंतर सुनिश्चितता योजना‘‘ चालू है ,जिसमे शादी के बाद पहले बच्चे में दो वर्ष का अंतर, पहले एवं दूसरे बच्चे में तीन वर्ष का अंतर और दूसरे बच्चे बाद स्थाई साधन अपनाने हेतु आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रेरित करने पर उसे प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जायेगा।
* वर्ष 2012 में राज्य में सकल प्रजनन दर 2.9 पर आ गई है। वर्ष 2017 में यह दर 2.5 पर लाने हेतु 5 लाख परिवार कल्याण नसबंदी ऑपरेशन , 5 लाख आई.यू.सी.डी एवं 3 लाख प्रसव पश्चात् आई.यू.सी.डी के निवेशन कराये जाने का लक्ष्य है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम की उपलब्धियां (लाख में)
वर्ष/कार्यक्रम नसबंदी लूप निवेशन निरोध उपयोगकर्ता ओरल पिल्स उपयोगकर्ता
1998-99 3.58 5.82 15.49 5.87
1999-2000 4.08 5.78 14.58 6.29
2000-01 3.24 4.42 13.15 4.94
2001-02 3.28 4.66 12.4 5.21
2002-03 3.73 4.65 12.88 5.55
2003-04 3.53 4.58 14.22 5.82
2004-05 3.69 4.47 12.18 5.2
2005-06 3.67 4.53 13.54 5.46
2006-07 3.67 4.61 13.58 5.59
2007-08 4.58 5.01 17.1 6.15
2008-09 4.41 4.95 15.99 6.28
2009-10 4.05 4.25 12.92 5.68
2010-11 6.43 3.65 6.09 4.24
2011-12 5.95 2.96 2.63 2.32
2012-13 2.63 3.34 1.62 1.38
2013-14 4 4 5.79 10.84
2014-15  3.7 4.51 5.13 8.16
* राज्य प्रशासन परिवार कल्याण कार्यक्रम में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध है। इस हेतु हर अस्पताल में निश्चित दिवस मे परिवार कल्याण सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन सभी परिवार कल्याण सेवायें उपलब्ध है, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सप्ताह मे एक दिन परिवार कल्याण ऑपरेशन की सेवा एवं प्रतिदिन बाकी परिवार कल्याण सेवायें उपलब्ध है और प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों में पखवाडे के एक दिन परिवार कल्याण ऑपरेशन की सेवा एवं प्रतिदिन बाकी परिवार कल्याण सेवायें उपलब्ध है। उप स्वास्थ्य केद्रों में आई.यू.सी.डी का निवेषन की सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। इन कार्य योजनाओं द्वारा राज्य में हितग्राहियों को गुणवत्तापूर्ण सेवायें उपलब्ध करायी जा रही है।
* राज्य परिवार कल्याण सेवाओं में निजी अस्पतालों का सहयोग बढाने हेतु जनसंख्या स्थिरता कोष द्वारा संचालित संतुष्टी एवं प्रेरणा योजना को राज्य में कार्यान्वित किया गया है, और इन निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर परिवार कल्याण सेवाओं की उपलब्धता बढाई जा रही है।
* मास मिडिया, मिनी मिडिया एवं इस तरह के विभिन्न प्रकार के प्रचार- प्रसार माध्यमों का उपयोग कर परिवार कल्याण कार्यक्रमों के बारे में राज्य में व्यापक प्रचार प्रसार जारी है।